क्या होता है एफपीओ (What is FPO)
एफपीओ यानी (किसानी उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर आप कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी।
अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे। भारत सरकार की सैन्ट्रल सैक्टर स्कीम के अन्तर्गत 10,000 नए एफपीओ 2019-20 से लेकर 2023-24 तक बनाए जाएंगे। इससे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी।
FPO में सदस्य बनने की पात्रता
- आवेदक पेशे से किसान होना चाहिए।
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- स्वयं की कृषि भूमि होनी अनिवार्य है।
- सदस्यता शुल्कराशि (शेयर पूंजी) - 1000, 2000 (रूपये)
सदस्यता शुल्क या शेयर पूंजी क्या है
- किसान को एफ.पी.ओ. का सदस्य बनने के लिए एक मुस्त दिया जाने वाला शुल्क को शेयर पूंजी या सदस्य शुल्क कहते है।
- एक शेयर 10 रूपये का है और अधिकतम एक किसान का अंश 2000 रूपये (200) शेयर हो सकता है।
- शेयर पूंजी के अनुपात में ही सदसय को लाभ प्राप्त होगा।
- किसान जब चाहे तब इस पूंजी को वापस लेकर अपनी सदस्यता खत्म कर सकता हे।
- यह शेयर न तो व्यापार योग्य और न ही हस्तांतरणीय है।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- खसरा/खतौनी की नकल
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
FPO के मुख्य तथ्य
- FPO योजना को केंद्र सरकार द्वारा आरंभ किया गया है।
- एफपीओ की फुल फॉर्म फार्मर्स प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन (Farmers Producer Organisation) होती है।
- यह संगठन होता है जिसके सदस्य किसान होते हैं।
- एसपीओ के माध्यम से किसानों को तकनीकी, मार्केटिंग, ऋण, प्रोसेसिंग, सिंचाई आदि जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है।
- इसके अलावा इस संगठन के माध्यम से किसानों को बीज, खाद, मशीनरी, मार्केट लिंकेज, ट्रेनिंग, नेटवर्किंग, वित्तीय सहायता आदि जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।
- इस संगठन का लक्ष्य किसानों को हर कार्य संभव मदद प्रदान करना होता है।
- यह संगठन किसानों को उत्पादन बढ़ाने में भी सहायता प्रदान करता है।
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले के ब्लॉक में एक एफपीओ बनाया जा रहा है।